आईआईटी रुड़की ने भारत के अभूतपूर्व मेगा आर एण्ड डी फेयर ‘आईइन्वेंटिव’ में आर्सेनिक मुक्त पेयजल प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन किया जो किफायती है और पानी के उपयोग की जगह आसानी से इस्तेमाल होगी

शोधकर्ताओं द्वारा विकसित नया एडजाॅर्बेंट दो सबसे खतरनाक आर्सेनिक स्पीसीज़ और अन्य हेवी मेटल आयनों को एडजाॅर्ब करेगा

रुड़की, 15 अक्टूबर 2022 – भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की ने आर्सेनिक से दूषित पानी की समस्या के सफल समाधान की सरल और किफायती टेक्नोलाॅजी विकसित की है जो उपयोग की जगह कहीं भी लगाई जा सकती है। कम लागत का यह समाधान पानी को आर्सेनिक से मुक्त करने के साथ-साथ अन्य हेवी मेटल से भी छुटकारा दिला सकता है।
14 और 15 अक्टूबर 2022 को आईआईटी दिल्ली के आर एण्ड डी फेयर ‘इनवेंटिव’ में यह प्रोजेक्ट प्रदर्शित किया गया। शोधकर्ताओं ने एक अभूतपूर्व एडजार्बेंट का विकास किया है जो आर्सेनिक की दो सबसे हानिकारक स्पीसीज़ आर्सेनाइट और आर्सेनेट को सोखने के अलावा अन्य हेवी मेटल आयनों से भी छुटकारा दिलाएगा।
आईआईटी रुड़की की प्रोटोटाइप विकास टीम के इनोवेटरों में प्रो. अभिजीत मैती, पॉलिमर और प्रोसेस इंजीनियरिंग विभाग, डॉ. अनिल कुमार और डॉ. निशांत जैन शामिल हैं।
समाज के लिए लाभदायक उत्पाद विकसित करने के लिए शोधकर्ताओं को बधाई देते हुए आईआईटी रुड़की के कार्यवाहक निदेशक प्रो. एम. एल. शर्मा ने कहा – आर्सेनिक की समस्या पूरी दुनिया में है। अमेरिका और अफ्रीका के कई देशों के जलाशयों में आर्सेनिक और अन्य हेवी मेटल पाए जाते हैं। यह इनोवेशन ना केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए बहुत फायदेमंद होगा।

ईश्वरचंद ब्यूरो प्रमुख

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