आज दिनांक 14.02.2024 में रुड़की नगर के प्रतिष्ठित विद्यालय आनन्द स्वरुप आर्य सरस्वती विद्या मन्दिर में वसन्त पंचमी उत्सव का आयोजन किया गया। विद्या भारती के समस्त विद्यालयों में वसन्त पंचमी का पर्व विद्यारम्भ दिवस के रुप में मनाया जाता रहा है। कार्यक्रम के प्रारम्भ में सर्वप्रथम मुख्य अतिथि श्री प्रवीण कुमार, श्रीमती सविता, प्रधानाचार्य श्री अमरदीप सिंह, उपप्रधानाचार्य श्री मोहन सिह मटियानी द्वारा माँ सरस्वती चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित व पुष्पार्चन कर किया गया। इसके पश्चात् विद्यालय परिसर में सामूहिक यज्ञ का आयोजन किया गया। जिसमें विद्यालय के समस्त शिक्षक, शिक्षिकाओं एवं छात्र-छात्राओं ने सहभाग किया। विद्यालय के संस्कृताचार्य श्री विवेक कुमार पाण्डेय, ने पूर्ण विधिविधान से यज्ञ कार्य सम्पन्न कराया।
वसन्त पंचमी के अवसर पर छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।विद्यालय के संगीत विभाग प्रभुख नारायण दास श्रीवास्तव एवं नेहा चड्ढा के निर्देशन में आयोजित छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बंसत गीत, शिव भजन के मधुर प्रदर्शन ने मन मोह लिया साथ ही वीर हकीकत राय के अमर बलिदान पर आधारित नाटिका ने उपस्थित अतिथियों को भाव-विभोर कर दिया।
कार्यक्रम का संचालन विद्यालय की छात्रा ईशिका एवं कनक द्वारा किया गया संास्कृतिक कार्यक्रमों में नित्या, आयुषी, रेणुका, अनन्या, रूचिका, अंशिका, दिव्याशी, समृद्धि, लक्ष्य, अनय वशिष्ठ, दिव्यजीत, आर्यन, दिव्यम प्रमुख रहे।
मुख्य अतिथि श्री प्रवीण कुमार ने विद्यालय की मुक्तकंठ से प्रसंशा करते हुए अपने आशीर्वचन में कहा कि वीणा और वाणी की देवी माँ सरस्वती की आराधना का दिन वसन्त पंचमी का विशेष महत्व है। ब्रह्मा द्वारा रचित सृष्टि में वाणी का अभाव था, इस कारण देवी सरस्वती का आविर्भाव हुआ। ब्रह्मा के कमण्डल से उत्पन्न देवी सरस्वती की कृपा दृष्टि, सृष्टि को मधुर एवं सरस बनाती है। देवी सरस्वती विद्या धन देने वाली देवी है। यह एक मात्र ऐसा धन है जितना व्यय किया जाये उतनी वृद्धि होती है।
उपप्रधानाचार्य श्री मोहन सिह मटियानी ने पुलवामा में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि पूरा देश आज वीर शहीदों को नमन कर रहा है। भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में धार्मिक स्थल शारदा माता पीठ के जीर्णौद्धार एवं काॅरिडोर हेतु किये जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए एतिहासिक महत्व की भी चर्चा की। उन्होने कहा कि बसन्त पंचमी सकारात्मक ऊर्जा का पर्व है वसन्त का सीधा अर्थ सौन्दर्य अर्थात् शब्द, वाणी, प्रकृति का सौन्दर्य है। माँ सरस्वती साहित्य, विद्या, बुद्धि और विवेक की देवी है। इसीलिए प्रत्येक व्यक्ति को माँ सरस्वती की आराधना करनी चाहिए। वसन्त पंचमी के सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सरस्वती का वाहन हंस यह सन्देश देता है कि हम नीर-क्षीर-विवेकी बनें।
विद्यालय की प्रबंधन समिति द्वारा भी विद्यालय को बसन्त पंचमी पर्व की शुभकामनायें प्रेषित की गई। प्रधानाचार्य श्री अमरदीप सिंह ने उपस्थित अतिथियों का धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया। साथ ही समस्त छात्र-छात्राओं एवं शिक्षक-शिक्षिकाओं को वसन्त पंचमी पर्व की शुभकामनाऐं दी।
इस अवसर पर श्री जसवीर सिंह पुण्डीर, श्री आशुतोष कुमार शर्मा, शमा अग्रवाल, श्री आनन्द कुमार तथा समस्त शिक्षक शिक्षिकायें एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

अमरदीप सिंह
(प्रधानाचार्य)
Ishwar chand reporter Sahara tv

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