पन्ना लाल भल्ला म्युनिसिपल इंटर कॉलेज हरिद्वार की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा स्वच्छता ही सेवा-2025 की थीम पर ‘स्वच्छोत्सव’ कार्यक्रम के तहत भारत सरकार द्वारा प्राप्त निर्देशों के क्रम में आज एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें स्वयं सेवियों द्वारा बढ़-चढ़कर भाग लिया और स्वच्छता पर अपने अपने विचार व्यक्त किए। जिनकी वहां उपस्थित अन्य स्वयं सेवियों द्वारा बहुत सराहना की। स्वयं सेवी रितु पाल ने कहा कि हमें अपने आसपास स्वच्छता को बढ़ावा देना चाहिए जिससे हम घातक बीमारियों से बचाव कर सकें। स्वयं सेवी शिवांगी ने बताया कि हमें अपने घर और आसपास की सफाई नित्य प्रति दिन करना चाहिए जिससे घरों में बीमारी अपना आशियाना न बना सके।हम अपने आपको अपने आसपास के वातावरण को जितना स्वच्छ रखेंगे उतना ही हम होने वाली घातक बीमारियों से दूर रहेंगे।इसी प्रकार अन्य स्वयं सेवियों मनोज कुमार, उज्जवल अमन, वैशाली श्रीवास्तव, सुहानी पलक तथा नेहा आदि ने अपने अपने विचारों से अलग अलग तरीके से स्वच्छता के बारे में बहुत ही सुन्दर तरीके से समझाया। कार्यक्रम अधिकारी डा मेघ राज सिंह ने स्वयं सेवियों को बताया कि स्वच्छता एक अच्छी आदत है जो हमारे जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाती है यह हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है हमारे शरीर की स्वच्छता बहुत जरूरी है जैसे रोज नहाना, स्वच्छ कपड़े पहनना, दांतों की सफाई करना नाखून काटना आदि। जीवन में स्वच्छता का महत्व शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने और संक्रमण और बीमारियों को रोकने, आत्मविश्वास बढ़ाने तथा स्वस्थ व सकारात्मक वातावरण बनाने के लिए है। नियमित सफाई कीटाणुओं को दूर रखती है जिससे आसपास का वातावरण भी स्वच्छ और सुखद रहता है और जीवन खुशहाल व सुरक्षित बनता है। संगोष्ठी में श्री त्रिलोक चंद जी ने कहा कि स्वच्छता, स्वच्छ रहने की एक अमूर्त अवस्था है, और उस अवस्था को प्राप्त करने व बनाए रखने की आदत है। स्वच्छता एक गुण है जो गंदगी से मुक्त रहने की स्थिति का प्रतीक है यह एक आवश्यक आदत है जिसे सभी को अच्छे स्वास्थ्य और तन्दरूस्ती के लिए अपनाना चाहिए। स्वच्छता संक्रमण और बीमारियों की संभावना को कम करके बीमारियों को दूर रखने में मदद करती है। “Cleanliness is next God” अर्थात सफाई भगवान का दूसरा रूप है or स्वच्छता भक्ति के निकट है। और कहा कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है। डॉ अनिल कुमार शर्मा एवं जिला समन्वयक डॉ एस पी सिंह ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान जिसे स्वच्छ भारत मिशन के नाम से भी जाना जाता है भारत सरकार द्वारा वर्ष 2014 से शुरू किया गया एक राष्ट्र व्यापी स्वच्छता अभियान है जिसका उद्देश्य स्वच्छता, स्वास्थ्य और शौचालय के निर्माण को बढ़ावा देकर भारत को स्वच्छ और खुले में शौच से मुक्त बनाना है। प्रधानाचार्य कैप्टन ओ पी गौनियाल ने स्वयंसेवियों को अपने संबोधन में कहा कि स्वच्छता, स्वच्छ और कीटाणुओं, गंदगी, कचरा या अपशिष्ट से मुक्त होने की स्थिति है और इस स्थिति को प्राप्त करने और बनाए रखने की आदत भी है। और कहा कि स्वच्छता कोई ऐसा कार्य नहीं है जो हमें दबाव में करना चाहिए अपितु इसे हमे अपने रोजगार की दिनचर्या में शामिल करना चाहिए ।और स्वच्छता के लिए कोई समझौता नहीं करना चाहिए क्योंकि यह जीवन में पानी व खाने की तरह आवश्यक है। इस कार्यक्रम में मुकेश ,वैशाली श्रीवास्तव,अल्का, काजल,मनीष कुमार,बाबी, स्मृति आदि स्वयं सेवियों ने प्रतिभाग लिया।
ईश्वर चंद्र संवाददाता सहारा टीवी
