पन्नालाल भल्ला म्युनिसिपल इंटर कॉलेज हरिद्वार की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा आज राष्ट्रीय सेवा योजना के स्थापना दिवस 24 सितंबर के उपलक्ष में सर्वप्रथम कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विद्यालय के प्रधानाचार्य कै ओ पी गौनियाल द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। उसके पश्चात कार्यक्रम अधिकारी डा मेघ राज सिंह ने स्वयंसेवियों से अतिथियों का परिचय कराया तथा उसके पश्चात राष्ट्रीय सेवा योजना के लक्ष्य गीत पूर्व कार्यक्रम अधिकारी रहे श्री राजेंद्र सिंह तथा स्वंसेवियो मनोज कुमार व रुद्रांश तथा अन्य के द्वारा प्रारंभ किया गया। उसके पश्चात स्वयंसेवियों साक्षी,तान्या तथा सिमरन द्वारा अतिथियों के सम्मान में स्वागत गीत प्रस्तुत किया। और उसके पश्चात इन्हीं स्वयंसेवियो द्वारा एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया ।उसके बाद कार्यक्रम अधिकारी डॉ मेघ राज सिंह ने राष्ट्रीय सेवा योजना की स्थापना दिवस 24 सितंबर पर प्रकाश डालते हुए बताया की राष्ट्रीय सेवा योजना की स्थापना 24 सितंबर 1969 को भारत सरकार द्वारा युवा मामले एवं खेल मंत्रालय द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्म शताब्दी के अवसर पर हुई थी। राष्ट्रीय सेवा योजना का आदर्श वाक्य *मैं नहीं परंतु आप* *NOT ME BUT YOU* है ।जो हमें सिखाता है कि व्यक्ति का कल्याण अंततः पूरे समाज पर निर्भर करता है ।यह वाक्य हमें निस्वार्थ भाव से सेवा करना और दूसरों के प्रति सहानुभूति रखना सीखाता है।इसके द्वारा स्वयं सेवियों को सामुदायिक सेवा के माध्यम से देश के विकास में भाग लेने का अवसर प्राप्त होता है।तथा इससे स्वयंसेवियों के व्यक्तित्व का विकास होता है। और उन्हें एक जिम्मेदार नागरिक बनाता है। और साथ ही साथ कुशल सामाजिक नेता प्रशासक और मानव स्वभाव को समझने वाला व्यक्ति बनाने में मदद करता है। इसके माध्यम से स्वयंसेवी सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक तथा पर्यावरणीय कार्यक्रमों में भाग लेने के साथ-साथ स्वच्छता अभियान, पेड़ लगाना और समाज में जागरूकता फैलाना आदि में भी सहयोग करने का अवसर प्राप्त होता है।इसके पश्चात पूर्व कार्यक्रम अधिकारी श्री राजेंद्र सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा ही हमारे व्यक्तित्व का विकास होता है। पूर्व कार्यक्रम अधिकारी श्री त्रिलोकचंद जी ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना सामाजिक सामुदायिक सेवा के माध्यम से छात्रों के व्यक्तित्व पर जोर देता है जिससे समाज सेवा की भावना विकसित होती है। सामुदायिक सेवा के माध्यम से व्यक्तित्व में निखार आता है और तभी हम राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकते हैं। तथा कहा कि स्वयंसेवियों को सामाजिक कार्यक्रमों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों ,शैक्षिक संगोष्ठी , पर्यावरणीय कार्यक्रमों और स्वच्छता अभियान आदि गतिविधियों में सम्मिलित करते रहना चाहिए। जिला समन्वयक डॉ एस पी सिंह ने कहा की राष्ट्रीय सेवा योजना का लोगों जो एक पहिए जैसा चक्र है जो निर्माण संरक्षण और रिलीज के चक्र को दर्शाता है जो निरन्तरता आता और सामाजिक परिवर्तन का प्रतीक है।इसमें लाल रंग ऊर्जा और उत्साह का तथा नीला रंग उससे बड़े ब्रह्मांड का प्रतीक है जिसका कि राष्ट्रीय सेवा योजना एक हिस्सा है ।और मानव जाति की भलाई के लिए योगदान करने के लिए तैयार है स्वयं सेवियों को इस भावना के साथ कार्य करना चाहिए जिससे वे राष्ट्रीय निर्माण में अपनी सक्रिय भूमिका निभा सके। और शारीरिक मानसिक और बौद्धिक रूप से सशक्त युवा बन सके जो देश के सच्चे निर्माता हैं ।यह चक्र देश में उड़ीसा राज्य में स्थित प्रसिद्ध कोणार्क सूर्य मंदिर के रथ के पहिए पर आधारित है जो चक्र सृजन संरक्षण और मुक्ति के चक्र को दर्शाता है। प्रधानाचार्य कै ओ पी ने स्वयंसेवकों के संबोधन में कहा कि स्वच्छता और अनुशासन को बनाए रखना अपनी आदत में शुमार करना चाहिए क्योंकि स्वच्छता कोई ऐसा कार्य नहीं है जो हमें दबाव में करना चाहिए अपितु हमें अपने रोजमर्रा के जीवन में इसको अपनाते रहना चाहिए।तथा *एक पेड़ मां के नाम* से पौधारोपण कर पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने का भी संदेश दिया ।जिससे पर्यावरण को प्रदूषणमुक्त किया जा सके। और बताया कि राष्ट्रीय सेवा योजना आपके व्यक्तित्व का निर्माण करती है और आपको एक जागरूक नागरिक बनाने में पूर्ण सहयोग करती है। इसलिए इसमें हम सबकी भागीदारी सुनिश्चित होनी चाहिए। श्रमदान कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने वाले स्वयंसेविकों मनोज कुमार,आयुष जोशी तथा निर्मल को पेन देकर सम्मानित भी किया गया।कार्यक्रम में चारू, काजल कुमारी, करिश्मा, सिमरन ,रोहिणी, साक्षी, शगुन, पलक, अंकुल,ऋषभ ,लक्ष्य, आदि आर्य, अक्षय सैनी, हर्षित, बॉबी,उज्जवल, अंकित चौधरी, नैतिक योगराज, सुजल तथा अमन आदि स्वयंसेवी उपस्थित रहे।
Ishwar chand reporter sahara tv