आज मदरहुड विश्वविधालय,रुड़की में आज 2 अक्टूबर के दिन दो महान सपूतों और महापुरषों – भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और भारत के दूसरे प्रधानमंत्री श्री लालबहादुर शास्त्री जी की पुण्य जयंती पर विश्वविधालय के माननीय कुलपति प्रो०(डॉ) नरेंद्र शर्मा जी ने नमन किया और पुष्प अर्पित किए। कुलपति महोदय जी ने सभी शिक्षकों और छात्रों को उनके बताये आदर्शों ,सत्य के मार्ग पर चलने का संदेश दिया। कुलपति महोदय जी ने कहा कि दोनों महापुरषों – जिन्होंने आजादी की जंग में भारतीयों को एक किया और अहिंसा के मार्ग पर चलकर देश को स्वतंत्रता दिलाने में अहम योगदान दिया।
राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने भारत की स्वतंत्रता के लिए लम्बी लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने सत्य और अहिंसा के आदर्शों पर चलकर भारत को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराया था। गांधी जयंती के रूप में उनके जन्मदिन मनाकर देश राष्ट्रपिता को श्रद्धासुमन अर्पित करतें हैं। आज के विद्यार्थियों एवं युवा पीढ़ी बापू के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाए तथा देश हित के लिए अपना योगदान दे। इसी उद्देश्य से गांधी जयंती का आयोजन किया जाता हैं। गांधी जयंती को हर भारतवासी को उल्लास से मनाना चाहीए.
महात्मा गांधी को “राष्ट्रपिता” कहने का स्रोत पहली बार सुभाष चंद्र बोस ने दिया था। सुभाष चंद्र बोस ने गांधी जी को “राष्ट्रपिता” कहकर सम्मानित किया था क्योंकि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उनका महत्वपूर्ण योगदान था और वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता थे। उसके बाद से “राष्ट्रपिता” का उपयोग गांधी जी के सम्मान में आम तौर से किया जाने लगा।


लालबहादुर शास्त्री जी माटी के लाल के नाम से प्रसिद्ध हुए ।जिन्होंने जय जवान- जय किसान का नारा दिया।
इस अवसर पर श्री अजय गोपाल शर्मा,कुलसचिव,
श्री दीपक शर्मा श्री दीपक शर्मा डायरेक्टर प्रशासन मिस भूपेन्द्र कौर और सभी शिक्षक, छात्रों ने इन महान सपूतों और महापुरषों को नमन किया।

ईश्वर चंद्र ब्यूरो प्रमुख

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