आनन्द स्वरूप आर्य सरस्वती विद्या मन्दिर, रूड़की में विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान, भारतीय शिक्षा समिति उत्तराखण्ड़ के दिशा-निर्देशन मे जिला स्तरीय गणित एवं विज्ञान विषय की दो दिवसीय आचार्य प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। आचार्य प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारम्भ डाॅ0 रविन्द्र कुमार सेैनी( असिस्टेन्ट प्रोफेसर, कोर यूनिवर्सिटी), डाॅ0 पीतम सिंह (सेवानिवृत डायट प्रवक्ता), विद्योत्तमा शर्मा (प्रवक्ता, रसायन शास्त्र के0वी01), अजय सिह (उपप्रधानाचार्य सरस्वती विद्या मन्दिर मायापुर, हरिद्धार), प्रधानाचार्य श्री अमरदीप सिंह (आनन्द स्वरूप आर्य सरस्वती विद्या मन्दिर, रूड़की) के द्वारा माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित एवं पुष्पार्चन कर किया गया।
गणित एवं विज्ञान विषय की आचार्य प्रशिक्षण कार्यशाला में जिला हरिद्वार के 09 विद्यालयों के 61 से अधिक आचार्य एवं आचार्या प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है। कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत विषय में दक्ष बनाना है, साथ ही शिक्षक को विषय को रोचक, रूचिकर, रचनात्मक बनाकर प्रभावशाली ढंग से विद्यार्थियों के समक्ष प्रस्तुत करना भी आना चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आधार पर विद्यालयों में बाल केन्द्रित व क्रिया आधारित शिक्षा को अपनाने पर जोर देते हुए अपनी शिक्षण कौशल को विकसित करने पर बल दिया जाना है।
डाॅ0 रविन्द्र कुमार सेैनी प्रशिक्षण कार्यशाला में आचार्य की भूमिका पर विस्तृत विषय रखा उन्हौने कहा कि आचार्य स्वयं के आचरण से युक्त शिक्षा प्रदान करने वाले होते हैं ऐसे में बालक के शैक्षणिक स्तर के साथ-साथ उसके अन्य क्रियाकलापांे पर भी हमारा ध्यान रहना चाहिए। हमारे आचरण व व्यवहार से समाज में विद्यालय का मान बढ़े, बालकांे में श्रद्धा का भाव बढे और हम स्वयं के विकास हेतु भी समय-समय पर नित नवीन शैक्षिक गतिविधियोें को जाने व समझे और अपने कक्षा-कक्ष में छात्र/छात्राओं को शिक्षण कौशल के साथ शिक्षा प्रदान करें।
प्रधानाचार्य श्री अमरदीप सिंह ने विद्यालय प्रबंधन में वैचारिक समृद्धि की भूमिका का महत्व बताते हुए कहा कि शिक्षा एक श्रेष्ठ सेवा कार्य है। शिक्षकों के मन में शिक्षक का भाव तथा छात्र के मन में बच्चे का भाव सदा बना रहना चाहिए, जिसके लिए शिक्षक का अपने विषय में दक्ष और वैचारिक आधार पर सम्पन्न होना आवश्यक है। किसी लक्ष्य के लिए सदैव बड़े कदमों की आवश्यकता नही होती अपितु छोटे-छोटे कदमों की निरन्तरता से भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
इस अवसर पर उपप्रधानाचार्य श्री मोहन सिंह मटियानी, जसवीर सिंह पुण्डीर, आनन्द कुमार सहित समस्त शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित रहे।

अमरदीप सिंह
प्रधानाचार्य

ईश्वर चंद्र संवाददाता सहारा टीवी रुड़की

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