*कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान भविष्य की जरूर:*
कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान वर्तमान एवं भविष्य की जरूरत है, इसी वाक्य को चरित्रार्थ करते हुए रुड़की स्थित मदरहुड विश्वविद्यालय कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान को गति देने के उद्देश्य से राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के अनुसंधानों संस्थानों के साथ एम ओ यू कर रहा है और इस कड़ी में नया नाम जुड़ा है भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान लखनऊ का। गन्ना अनुसंधान संस्थान लखनऊ, गन्ने पर अनुसंधान के क्षेत्र में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त संस्थान है। संस्थान के निदेशक डॉ. आर विश्वनाथन ने बताया कि गन्ना भारत की मुख्य नकदी फसल है जिसका भारतीय किसान की दशा एवं दिशा निर्धारित करने में विशेष योगदान है। डॉक्टर विश्वनाथ ने अपने वक्तव्य में कहा कि उनका संस्थान लगातार विशेष कृषि क्षेत्रों के लिए गन्ने की उच्च गुणवत्ता वाली प्रजातियों पर शोध करता रहता है जिससे कि किसानों को उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप गन्ने की उच्च गुणवत्ता वाली प्रजातियां उपलब्ध हो सके। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) नरेंद्र शर्मा ने बताया की मुजफ्फरनगर एवं सहारनपुर राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुख्य गन्ना उत्पादक जिले हैं। यह एम ओ यू निश्चित रूप से किसानो एवं कृषि छात्रों के लिए भविष्य में उपयोगी सिद्ध होगा। इस एम ओ यू के माध्यम से मदरहुड विश्वविद्यालय के विद्यार्थी गन्ना अनुसंधान संस्थान लखनऊ की प्रयोगशालाओं, अनुसंधान फॉर्मो पर सहभागिता में अपने शोध कार्यों को पूरा कर सकेंगे। विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री अजय शर्मा ने बताया कि मदरहुड विश्वविद्यालय दूसरे नामचीन कृषि अनुसंधान संस्थानो से भी एम ओ यू करने की दिशा में प्रयासरत है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) नरेंद्र शर्मा ने इस उपलब्धि के लिए कृषि संकाय के संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर कृष्ण पाल चौहान एवं शिक्षकों की प्रशंसा की
Ishwar chand reporter sahara tv
