आज रुड़की के नेहरू नगर में हरिद्वार जिले के देसी और विदेशी मदिरा के ठेकेदारों ने एक बैठक का आयोजन किया इस बैठक का मकसद कोविड 19 के चलते लगे कर्फ्यू से शराब ठेकेदारों पर राजस्व के रूप में लगातार बढ़ रहे बोझ से अवगत कराना है ।ठेकेदारों का कहना है सरकार शराब की दुकानों की बिक्री के हिसाब से राजस्व ले या फिर दुकान खोलने का समय निर्धारण करे और उस वक्त होने3उक वाली बिक्री का ही राजस्व का भुगतान ठेकेदार से लिया जाये । पिछले वर्ष भी कोरोना महामारी में शराब ठेकेदार सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े थे । इतना ही नही शराब ठेकेदारों ने करोड़ो रूपये का टेक्स राजस्व से अलग सरकार को दिया था। शराब ठेकेदारों का कहना है उनकी बिक्री पर्यटकों पर निर्भर करती है कर्फ्यू में पर्यटको के ना आने की वजह से शराब ठेकेदार खाली बैठे है जिनकी बिक्री नही हो पा रही है । कोविड 19 के चलते शराब ठेकेदारों के आगे रोज़ी रोटी का संकट गहराने लगा है वो राजस्व देने की हालत में बिल्कुल नही है शराब ठेकेदार इस वक्त आत्महत्या करने की कगार पर पहुँच चुका है उत्तराखंड में लॉकडाउन के चलते अब शराब कारोबारियों के सामने कारोबार चलाना बड़ा मुश्किल हो चुका है। रूडकी के नेहरू नगर में हरिद्वार ज़िले के तमाम शराब कारोबारियों की बैठक हुई जिसमें लॉकडाउन के दौरान के समय का तमाम राजस्व को माफ करने की सरकार से मांग की गई।
शराब कारोबारी जुगेंद्र कुमार और प्रवीण कुमार ने बैठक के दौरान बताया कि प्रदेश सरकार ने जो एसओपी जारी की है उसमें नगर पंचायत और नगर निगम के क्षेत्र में आने वाली मदिरा की सभी दुकानों को भी बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं प्रदेश में 3 मई तक पूर्ण लौकडाउन लगा दिया गया है जिससे शराब ठेकेदारों के सामने राजस्व देना बेहद मुश्किल हो गया है ठेकेदारों ने इस अवधि का राजस्व माफ किये जाने की सरकार से मांग की है। उन्होंने बताया कि जब दुकानें बंद है तो ऐसे में राजस्व दिया जाना शराब कारोबारियों के लिए एक चुनोती है।हालांकि रूडकी और आसपास के शराब कारोबारी प्रदेश के सीएम तीरथ सिंह रावत के समक्ष शराब कारोबारियों की स्थिति को अवगत करा चुके हैं जिसके चलते सीएम ने शराब कारोबारियों को आश्वस्त भी किया था की जल्द ही उनकी समस्याओं को गंभीरता से लिया जाएगा लेकिन सिर्फ आश्वासन के अलावा उन्हें कुछ हासिल नही हुआ।शराब कारोबारियों के सामने बड़ी चुनोती खड़ी हो गई है अगर सरकार ने इस वर्ष का राजस्व खत्म ना किया तो हालात और भी खराब हो जाएंगे। बैठक में शराब कारोबारी नितिन कर्णवाल, मोहित जायसवाल, विनय चौधरी, सागर बड़कोटि,मनोज तोमर,दिवेन्द्र राणा,आदि ने अपने विचार रखे।

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